पाकिस्तान का सफ़र
दिल्ली, 6 अक्टूबर, 1962
पाकिस्तान की सैर का प्रोग्राम बनाते समय यह ध्यान नहीं आया कि उसका प्रभाव मेरी बूढ़ी माँ पर क्या पड़ेगा! उन्हें मेरा वहाँ जाना बिलकुल पसंद नहीं। मैं कहता हूँ, 'माता जी, ज़रा सोचिए तो सही, मैं पिंडी जाऊँगा, भेरा जाऊँगा, अपने