1352 - 1385 | जैसलमेर, राजस्थान
राजस्थान के पाँच पीरों में से एक। जाति से क्षत्रिय और वृत्ति से संत। हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के सबसे बड़े पक्षधर। दोनों धर्मों में समान रूप से पूज्य।
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