अरुण देव का परिचय
मूल नाम : अरुण देव
जन्म : 16/02/1972 | कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
अरुण देव का जन्म 16 फ़रवरी 1972 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुआ। उन्होंने उच्च शिक्षा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पाई और बतौर प्राध्यापक सेवारत हैं। पढ़ने-लिखने की लत बचपन से ही लग गई थी और युवपन तक आते कविता की एक डायरी तैयार कर ली थी।
प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ उनका पहला काव्य-संग्रह ‘क्या तो समय’ 2003 में सामने आया। उनके दो अन्य संग्रह ‘कोई तो जगह हो’ (2014) और ‘उत्तर पैग़ंबर’ (2020) भी प्रकाशित हैं। उनकी कविताओं के अनुवाद असमी, कन्नड़, तमिल, मराठी, नेपाली, अँग्रेज़ी आदि भाषाओं में हुए हैं। इसके साथ ही विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक मंचों से उनका रचना-पाठ भी हुआ है।
हिंदी में उनका एक विशेष परिचय वेब पत्रिका ‘समालोचन’ के कारण बना है जिसका संपादन वह एक दशक से अधिक समय से कर रहे हैं। इस पत्रिका में कविता, कहानी, आलोचना, फ़िल्म, कला, विचार आदि से संबंधित सामग्री बहुतायत से मौजूद है। विष्णु खरे ने इसे इंटरनेट और ब्लॉगिंग के बहुआयामी इस्तिमाल के अद्वितीय उदाहरण के रूप में देखते हुए इसकी साहित्यिक गतिविधियों के लिए अद्भुत शब्द को भी अपर्याप्त कहा था।
उन्हें कविता के लिए राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राष्ट्रीय सम्मान से पुरस्कृत किया गया है।