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अनुज लुगुन

1986 | सिमडेगा, झारखंड

सुपरिचित कवि। आदिवासी संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि। आदिवासी संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

अनुज लुगुन का परिचय

मूल नाम : अनुज लुगुन

जन्म : 10/01/1986 | सिमडेगा, झारखंड

अनुज लुगुन का जन्म 10 जनवरी 1986 को सिमडेगा ज़िले के जलडेगा पहान टोली में एक मुंडा परिवार में हुआ। उन्होंने राँची विश्र्वविद्यालय से स्‍नातक करने के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ‘मुंडारी आदिवासी गीतों में आदिम आकांक्षाएँ और जीवन-राग’ विषय पर शोध किया। इन्हीं दिनों उनकी कविताओं का प्रकाशन शुरू हुआ और ‘वसुधा’ पत्रिका में प्रकाशित ‘अघोषित उलगुलान’ शीर्षक कविता के लिए उन्हें भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस कविता को हिंदी संस्कारों का निर्वाह करते हुए धूमिल व पाश के आसपा बताया गया है जिसकी आत्मा में आदिवासी जीवनदर्शन है। 
उनकी कविताएँ आदिवासी समाज की अस्मिता और संघर्ष में बोलती हैं जहाँ उतर–औपनिवेशिक भारत में हाशिए पर जीने की टीस हिंदी से वृहत संवाद माँगती है।

अनुज लुगुन प्रशंसित कवि रहे हैं जो युवा पीढ़ी में आदिवासी सरोकारों के लगभग प्रतिनिधि कवि हैं। उन्हें ‘सावित्री त्रिपाठी सम्मान’, ‘भारतीय भाषा परिषद कोलकाता’ के ‘युवा पुरस्कार’ और 2019 में लंबी कविता ‘बाघ और सुगना मुंडा की बेटी’ के लिए ‘साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

कविताओं के अलावे उन्होंने कहानियाँ भी लिखी है जबकि पत्रिकाओं में उनके अकादेमिक और विमर्शपरक लेख प्रकाशित होते रहे हैं। वह हिंदी मुख्यधारा की हलचलों से प्रायः दूरी बनाए रखते हुए अपने सरोकार-विषयों पर केंद्रित बने रहे हैं। उनका नया कविता-संग्रह ‘अघोषित उलगुलान’ शीघ्र-प्रकाश्य है।

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