अनिरुद्ध उमट का परिचय
अनिरुद्ध उमट का जन्म 28 अगस्त, 1964 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ। वह नवें दशक के कवि हैं और अपने गद्य के लिए भी सराहे गए हैं। वह रचनात्मक पल को किसी रहस्यमयी पल की तरह देखने वाले कवि हैं जो उस पल के प्रति समर्पण में सुख पाते हैं। उन्हें मितकथन का कवि भी कहा गया है।
उनके दो कविता-संग्रह ‘कह गया जो आता हूँ अभी’ और ‘तस्वीरों से जा चुके चेहरे’ प्रकाशित हैं। गद्य विधा में अब तक दो उपन्यास ‘अँधेरी खिड़कियाँ’ और ‘पीठ पीछे का आँगन’ और एक कहानी-संग्रह ‘आहटों के सपने’ प्रकाशित हुए हैं। उनका एक निबंध-संग्रह ‘अन्य का अभिज्ञान’ भी सामने आया है। उन्होंने राजस्थानी कवि वासु आचार्य के कविता-संग्रह ‘सीर रो घर’ का हिंदी में अनुवाद भी किया है। उनकी रचनाएँ विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।
उन्हें उपन्यास ‘अँधेरी खिड़कियाँ’ के लिए राजस्थान साहित्य अकादेमी, उदयपुर का रांगेय राघव स्मृति सम्मान प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त उन्हें संस्कृति विभाग (भारत सरकार) की जूनियर फ़ैलोशिप तथा कृष्ण बलदेव बैद फ़ैलोशिप भी प्राप्त हुई है।