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अनिल जनविजय

1957 | बरेली, उत्तर प्रदेश

नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। बतौर अनुवादक भी चर्चित।

नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। बतौर अनुवादक भी चर्चित।

अनिल जनविजय का परिचय

मूल नाम : अनिल जनविजय

जन्म : 28/07/1957 | बरेली, उत्तर प्रदेश

अनिल जनविजय का जन्म 28 जुलाई 1957 को बरेली, उत्तर प्रदेश में हुआ। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से हिंदी और फिर रूसी भाषा और साहित्य में एम.ए. किया। 1982 में उच्च अध्ययन के लिए सोवियत सरकार की छात्रवृत्ति पाकर मास्को विश्वविद्यालय पहुँचे और फिर 1989 में मास्को स्थित गोर्की लिटरेरी इंस्टीट्यूट से सर्जनात्मक लेखन में एम.ए. किया। 

कविता लेखन की शुरुआत 1976 से हुई और जल्द ही पत्रिकाओं में प्रकाशित भी होने लगे। 1982 में ‘कविता नहीं है यह’ काव्य-पुस्तिका और 1990 में ‘माँ, बापू कब आएँगे’ काव्य-संग्रह प्रकाशित हुआ। दूसरा काव्य-संग्रह ‘राम जी भली करें’ 2004 में प्रकाशित हुआ। 

उनकी प्रतिष्ठा विदेशी कविताओं के अनुवादक के रूप में भी है। 2003 में येगेनी येव्तुशेंको की कविताओं का अनुवाद 'धूप खिली थी और रिमझिम वर्षा' शीर्षक से और 2004 में इवान बूनिन की कविताओं का अनुवाद 'चमकदार आसमानी आभा' शीर्षक से प्रकाशित हुई। रूसी कवियों के अलावे उन्होंने अफ़्रीकी, कोरियाई, जापानी, चीनी, अरबी, लातिनी अमेरिकी व इतालवी, फ़िलिस्तीनी, उक्राइनी, लातवियाई, लिथुआनियाई, उज़्बेकी, अरमेनियाई कवियों की और पाब्लो नेरुदा, नाज़िम हिकमत, लोर्का आदि कवियों की कविताओं का रूसी और अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद किया है।

आदि अन्य भाषाओं के कवियों की कविताओं का भी हिंदी अनुवाद किया है। उन्होंने हिंदी और रूसी में अनेक कविता-संकलनों का संपादन भी किया है। पिछले तीन दशकों से अधिक समय से मास्को में रूसी छात्रों को हिंदी साहित्य और अनुवाद पढ़ा रहे हैं। वह लोकप्रिय वेब माध्यम ‘कविता कोश’ के सदस्य हैं और सोशल मीडिया पर पर्याप्त सक्रियता रखते हैं।

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