अजीत रायज़ादा का परिचय
मूल नाम : अजीत रायज़ादा
जन्म : 17/08/1947 | सीतापुर, उत्तर प्रदेश
अजीत रायज़ादा का जन्म 17 सितंबर 1947 को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में हुआ। उन्होंने सेंट जान्स महाविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व में स्नातकोत्तर (स्वर्ण पदक) किया। 1970 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में हुआ।
अपने प्रशासनिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने ग्लासगो विश्विद्यालय, स्कॉटलैंड से विकास नीति में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया और बरकतुल्लाह विश्विद्यालय, भोपाल से पीएचडी एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से डीलिट की उपाधियाँ प्राप्त कीं।
अपने प्रशासनिक कार्यकाल के दौरान वह पश्चिम बंगाल एवं मध्य प्रदेश शासन के कई महत्त्वपूर्ण पदों पर पदस्थ रहे। उनका रुझान शिक्षा, संस्कृति, पुरातत्त्व एवं कला के प्रति सदैव रहा है। मध्य प्रदेश शासन के आयुक्त पुरातत्त्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय और प्रमुख सचिव संस्कृति के कार्यकालों के दौरान उन्होंने विभिन्न राज्य संग्रहालयों, संगीत व कला महाविद्यालयों के अतिरिक्त संगीत एवं कला विश्वविद्यालय खैरागढ़, भारत भवन, मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला परिषद, मध्य प्रदेश उर्दू अकादेमी, उस्ताद अलाउद्दीन ख़ाँ संगीत एवं कला अकादेमी, कालिदास अकादेमी जैसी सुप्रसिद्ध संस्थाओं के कार्य को निर्देशित किया। शासकीय कार्य-व्यवहार में हिंदी भाषा के अधिकाधिक उपयोग एवं प्रचार-प्रसार में उनकी विशेष अभिरुचि रही। वर्ष 1999 में उनके निर्देशन में खजुराहो नृत्य महोत्सव के सहस्राब्दी समारोह का आयोजन हुआ जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन द्वारा किया गया।
अजीत रायज़ादा ने शिक्षा के क्षेत्र में भी स्मरणीय योगदान दिया। राज्य के उच्च शिक्षा आयुक्त, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, जनशक्ति नियोजन एवं कौशल विकास विभाग और अध्यक्ष मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल के कार्यकालों के दौरान उन्होंने राज्य के महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं अभियांत्रिकी संस्थानों के विकास को निर्देशित किया। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल एवं भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), इंदौर की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। वह आईआईएम इंदौर के प्रथम शासी मंडल एवं मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल की प्रबंध समिति के सदस्य भी रहे।
अजीत रायज़ादा 2007 में मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव / भारत सरकार के सचिव के समकक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 2010 में उन्हें तीन वर्ष की अवधि के लिए मध्य प्रदेश का चौथा राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। 2014 में वह चार वर्ष की अवधि के लिए मुर्गाँव पत्तन न्यास, गोवा (पत्तन, पोत, परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) के इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल मॉनिटर के पद पर नियुक्त हुए।
आईएएस से सेवानिवृत्ति के पश्चात भी वह संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जन शिक्षण संस्थान, रायपुर (कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समर्थित) के अध्यक्ष एवं भारतीय अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण संस्कृति केंद्र (आईआरसीईएन), नई दिल्ली की कार्यकारी समिति के सदस्य के उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया है।
वह मध्य प्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान, उज्जैन के संस्थापक सदस्य हैं।
बच्चन, नीरज, फ़िराक़ गोरखपुरी, वीरेंद्र मिश्र जैसे कवियों से प्रभावित होकर उन्हें कविताएँ लिखने और पढ़ने की अभिरुचि हुई। उच्च शिक्षा के लिए वह इलाहाबाद गए जहाँ उन्हें निराला, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत जैसे महाकवियों को देखने और सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। इलाहाबाद के साहित्यिक वातावरण ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को परिष्कृत किया।
अजीत रायज़ादा ने नियमित रूप से कविताएँ नहीं लिखी हैं। जब कुछ नया कहने का दबाव बना, उस विचार को एक कविता का स्वरूप मिला। 1992 में प्रकाशित काव्य-संकलन ‘हाशिए पर आदमी‘, कवि के 30 वर्ष के अनुभवों और विचारों का प्रतिबिंब है। इस काव्य संग्रह के अतिरिक्त उन्होंने इतिहास, मुद्रा शास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के विषयों पर विभिन्न पुस्तकों का लेखन अथवा संपादन किया है। उनकी कृतियाँ कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों एवं वाचनालयों में संदर्भ पुस्तकों के रूप में उपलब्ध हैं।