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मैया री मैं गाय चरावन जैहौं

maiya ri main gay charawan jaihaun

परमानंद दास

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मैया री मैं गाय चरावन जैहौं

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और अधिकपरमानंद दास

    मैया री मैं गाय चरावन जैहौं।

    तू कहि महर नंद बाबा सौं बड़ौ भयो डरैहौं॥

    श्रीदामा आदि सखा सब और हलघर संग लैहौं।

    दह्यो भात कांवरि भरि लैहौं भूख लगे तब खैहौं॥

    बंसीबट की सीतल छैयां खेलत मैं सुख पैहौं।

    परमानंद प्रभु तृसा लगे पै जमुना जलहि अचैहों॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : अष्टछाप के कवि (पृष्ठ 90)
    • संपादक : हरगुलाल
    • रचनाकार : परमानंददास
    • प्रकाशन : प्रकाशन विभाग सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार
    • संस्करण : 2008

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