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इलाहाबाद के रचनाकार

कुल: 37

नई पीढ़ी की लेखिका।

सुपरिचित कथाकार-कवि। चार पुस्तकें प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

भक्ति परंपरा के संत कवि। ‘अजगर करे ना चाकरी...’ जैसी उक्ति के लिए स्मरणीय।

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। कविता के साथ-साथ अपने रेखाचित्रों के लिए भी प्रसिद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

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