आगरा के रचनाकार
कुल: 26
राजेंद्र यादव
‘नई कहानी’ आंदोलन के प्रमुख कहानीकार-उपन्यासकार। ‘हंस’ पत्रिका के संपादक के रूप में चर्चित। लेखन के शुरुआती दौर में एक कविता-संग्रह 'आवाज़ तेरी है' शीर्षक से प्रकाशित।
अमृतलाल नागर
- जन्म : आगरा
समादृत उपन्यासकार-कथाकार। पटकथा-लेखन में भी योगदान। साहित्य अकादेमी-पुरस्कार से सम्मानित।
बदरीनाथ भट्ट
द्विवेदी युग के सुपरिचित व्यंग्यकार, नाटककार और पत्रकार। बालसखा’ पत्रिका के संस्थापक-संपादक के रूप में योगदान।
लल्लू लाल जी
आरंभिक दौर के चार प्रमुख गद्यकारों में से एक। खड़ी बोली गद्य की आरंभिक कृतियों में से एक ‘प्रेमसागर’ के लिए उल्लेखनीय।
रामस्वरूप चतुर्वेदी
सुप्रसिद्ध काव्य-आलोचक और साहित्य-इतिहासकार। व्यास सम्मान से सम्मानित।
रांगेय राघव
प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- जन्म : आगरा
समादृत साहित्यकार। बाल साहित्य में स्मरणीय योगदान। 'बच्चों के गांधी' के रूप में चर्चित।
राधेश्याम कथावाचक
- जन्म : आगरा
पारसी रंगमंच शैली के लोकप्रिय हिंदी नाटककार। ‘राधेश्याम रामायण’ कृति के लिए उल्लेखनीय।
रीतिकालीन कवि। साहित्य शास्त्र के प्रौढ़ निरूपण के लिए विख्यात।
मलखान सिंह
नवें दशक में उभरे कवि। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
रामविलास शर्मा
समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
संत शिवदयाल सिंह
'राधास्वामी सत्संग' के प्रवर्तक। सरस और हृदयग्राह्य वाणियों के लिए प्रसिद्ध।
बनारसी दास
भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।
भैया भगवतीदास
रीतिकालीन जैन कवि। संगीत, ज्योतिष और हिंदी, गुजराती, बंगला और फ़ारसी जैसी कई भाषाओं के जानकार।
रामगोपाल शर्मा दिनेश
- जन्म : सिधावली