Font by Mehr Nastaliq Web

पर स्वारथ के कारने

par swarath ke karne

पलटू

पलटू

पर स्वारथ के कारने

पलटू

और अधिकपलटू

    पर स्वारथ के कारने संत लिया औतार।

    संत लिया औतार जगत को राह चलावै।

    भक्ति करें उपदेस ज्ञान दे नाम सुनावै॥

    प्रीति बढ़ावैं जक्त में धरनी पर डोलैं।

    कितनौ कहै कठोर बचन वे अमृत बोलैं॥

    उनको क्या है चाह सहत हैं दुःख घनेरा।

    जिव तारन के हेतु मुलुक फिरते बहुतेरा॥

    पलटू सतगुरु पाय के दास भया निरवार।

    पर स्वारथ के कारने संत लिया औतार॥

    संतजन लोककल्याण करने के लिए भ्रमण करते हैं। वे संसार के लोगों को सन्मार्ग पर चलने के लिए रास्ता बताते हैं। वे भक्ति-भाव से चलने का उपदेश देते हैं, आत्मज्ञान देकर मंत्र-दीक्षा भी देते हैं जिसमें सत्य का नाम सुनाते हैं। वे सभी मनुष्यों में पारस्परिक प्रेम बढ़ाने की राय देते हैं और इन सबके लिए पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं। उनको कोई चाहे कितना ही कटु वचन कहे, परंतु वे विनम्रतापूर्वक मीठे वचन ही बोलते हैं जो सुनने में अमृत के समान लगते हैं। आत्मसंतुष्ट संत पुरुष को संसार से क्या चाहना है? वे लोक-कल्याण के लिए ही नाना दुख सहकर जगत के लोगों को बोध देते हैं। वे जीवों का उद्धार करने के लिए ही अनेक देशों में घूमते रहते हैं। पलटू साहेब कहते हैं कि सद्गुरु की शरण पाकर इस दास का बंधन कट गया। संत जगज्जीवों के कल्याण के लिए ही संसार में घूमते हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : पलटू साहेब की बानी (पृष्ठ 8)
    • संपादक : अभिलाषा दास
    • रचनाकार : पलटू
    • प्रकाशन : कबीर आश्रम, कबीर नगर, इलाहाबाद
    • संस्करण : 2012

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए