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बालू मांहि तेल नहिं निकसत काहू बिधि

balu manhi tel nahin niksat kahu bidhi

सुंदरदास

सुंदरदास

बालू मांहि तेल नहिं निकसत काहू बिधि

सुंदरदास

और अधिकसुंदरदास

    बालू मांहि तेल नहिं निकसत काहू बिधि,

    पाथर भीजै बहु बरषत घन है।

    पानी के मथे तें कहुं घीव नहिं पाइयत,

    कूकस कै कुटे नहि निकसत कन है॥

    शून्य कूं मूठी भरे तें हाथ परत कछु,

    ऊसर के बाहें कहा उपजत अन्न है।

    उपदेश औषध कवन विधि लागै ताहि,

    सुंदर असाध्य रोग भयौ जाकै मन है॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : सुंदर सवैया ग्रंथ : सुंदर विलास (पृष्ठ 25)
    • संपादक : रमेशचंद्र मिश्र
    • रचनाकार : सुंदरदास
    • प्रकाशन : जगतराम एंड संस, दिल्ली
    • संस्करण : 1993

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