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अमल कमल दल लोचन, ललित गति

amal kamal dal lochan, lalit gati

केशवदास

केशवदास

अमल कमल दल लोचन, ललित गति

केशवदास

और अधिककेशवदास

    अमल कमल दल लोचन, ललित गति,

    जारत समीर सीत, भीति दीह दु:ख की।

    चंद्रक खायो जाय, चंदन लायो जाय,

    चंद ना चितयो जाय प्रकृति बपुष की॥

    घट की घटति जाति घटना घटी हू घटी,

    छिन छिन छीन छबि रबिमुख सुख की।

    सीकर तुआर स्वेद सोहत हेमंत ऋतु,

    किधौं केशोदास प्रिया प्रीतम बिमुख की॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्रिया-प्रकाश (पृष्ठ 82)
    • संपादक : लाला भगवान 'दीन'
    • रचनाकार : केशवदास
    • प्रकाशन : संजय बुक सेंटर, गोलघर, वाराणसी
    • संस्करण : 1981

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