चलिये गोविंद चंद चंदवदनी के पास
chaliye gowind chand chandawadni ke pas
कालिदास त्रिवेदी
Kalidas Trivedi
चलिये गोविंद चंद चंदवदनी के पास
chaliye gowind chand chandawadni ke pas
Kalidas Trivedi
कालिदास त्रिवेदी
और अधिककालिदास त्रिवेदी
चलिये गोविंद चंद चंदवदनी के पास,
‘कालिदास’ आसरो घरी न पल आधे को।
तुम्हैं देखि पावे सुख पावै बहु भांति,
ताहि दीजै नेक निरखिन तीजा नेह नाधे को॥
देखत सखिन के सुखीन करि डारी कान्ह,
देह दुख पायो बिरहानल के दाघ को।
पीरो परो वदन सदन चलि देखो, स्याम!
मदन सुनार हर्यो सुबरन राध को॥
- पुस्तक : हिंदी काव्य गंगा (प्रथम भाग) (पृष्ठ 237)
- संपादक : सुधाकर पांडेय
- रचनाकार : कालिदास त्रिवेदी
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
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