ज़रूरी रचनात्मकता
zaruri rachnatmakta
आदमी के लिए रचनात्मक होना
उतना ही ज़रूरी होता है
जितना भूखे पेट के लिए भोजन
रचनात्मकता मनुष्य का अंतिम
हथियार भी होती है
जिससे व्यक्ति अपनी हर
हारी हुई लड़ाई को जीत सकता है
बिल्कुल वैसे ही जैसे
'अवतार' में राजेश खन्ना
और 'बाग़बान' में अमिताभ बच्चन
जीत लेते हैं
अपना हारा हुआ आत्मस्वाभिमान
ग़ुरूर, इज़्ज़त और व्यक्तित्व
रचनात्मक आदमी हमेशा आज़ाद होता है
इसलिए अरचनात्मक लोग उसे सिखाते हैं
पैसे की ताक़त, भुजाओं का बल, खोखला दंभ
इस बात को भूलते हुए कि रचनात्मकता से
पैसा बनाया जा सकता है
पैसे से रचनात्मक नहीं हुआ जा सकता
एक क़लम के लेख बड़े-बड़े बाहुबलियों को
घुटने पर ला देते हैं
इसलिए हालतों से हारकर
रचनात्मकता को हटा देना जीवन से
कोरी मूर्खता है
बदतर से बदतर हालात में भी
व्यक्ति घोर रचनात्मक हो सकता है
दुनिया की सभी अच्छी कविताऍं
बदहाली में ही लिखी गई हैं
दुनिया की सबसे अच्छी पेंटिंग
सबसे बुरे वक़्त में बनाई गई है
दुनिया की सबसे सुंदर इमारत को
सबसे बदतर हालात में जी रहे लोगों ने ही बनाया है
इसलिए जीवन में रचनात्मक होना
जीवन में सशक्त और आज़ाद रहने की
अनिवार्य शर्त है
- पुस्तक : सोया हुआ शहर (पृष्ठ 88)
- रचनाकार : सौरभ सिंह क्रांतिकारी
- प्रकाशन : अधिकरण प्रकाशन
- संस्करण : 2023
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