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यह सड़क

ye saDak

वीरभद्र कार्कीढोली

और अधिकवीरभद्र कार्कीढोली

    इस सड़क पर

    अँधेरे में भी चला

    उजाले में भी चला / तूफ़ान में भी चला

    इस सड़क पर मैं

    कई-कई बार गिरते-उठते हुए चला।

    इस सड़क पर मैंने

    घृणा पाई / प्रेम पाया

    दुष्टों से मिला / ईश्वर से मिला

    दुःख भी मिले / सुख भी मिले।

    इस सड़क पर सर्प ने भी काटा

    —बेकसूर / बेअर्थ मुझे

    डरता था मैं तो उससे

    कुचलूँ तो सामर्थ्य ही नहीं था मुझमें

    पर वह सर्प

    अपना विष लेने आया नहीं है

    अब तक मेरे पास...

    इसी सड़क पर

    मेढक भी मिले

    सर्प भी और गरुड़ भी मिले।

    इसी सड़क पर मैंने

    उजाला भी पाया / अँधेरा भी पाया

    इसी सड़क पर

    ज़िंदगी खो भी चुका हूँ / मिली भी है।

    यह सड़क

    मेरे चलते-चलते बनी है!

    मेरे ही चलते-चलते बिगड़ी भी है...!

    स्रोत :
    • पुस्तक : इस शहर में तुम्हें याद कर (पृष्ठ 117)
    • रचनाकार : वीरभद्र कार्कीढोली
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2016
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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