कवि की माँ ने एक वृद्धा से कहा
kavi ki maan ne ek vriddha se kaha
वह बचपन में
बोल नहीं पाता था
तो भी उसकी सारी बातें
मैंने समझीं
अब जबकि वह
बातें करता
लिखता भी है
उसका क्या मतलब होता है
मेरी नहीं समझ आता है।
- पुस्तक : एक सौ एक सोवियत कविताएँ (पृष्ठ 249)
- रचनाकार : रसूल हमज़ातोव
- प्रकाशन : नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
- संस्करण : 1975
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