Font by Mehr Nastaliq Web

एक दिन लौटेगी लड़की

ek din lautegi laDki

गगन गिल

गगन गिल

एक दिन लौटेगी लड़की

गगन गिल

और अधिकगगन गिल

    रोचक तथ्य

    इस कविता के लिए कवयित्री को भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

    एक दिन लौटेगी लड़की

    हथेली पर जीभ लेकर

    हाथ होगा उसका लहू से लथपथ

    मुँह से टपका लहू कपड़ों में सूखा हुआ

    फिर धीरे-धीरे मुँह उसका आदी हो जाएगा

    कपड़ों के ख़ुशनुमा रंग उसके चेहरे पर लौटेंगे

    सोचेगी नहीं वह भूलकर भी

    अपनी हथेली के बारे, जीभ के बारे में

    क्योंकि लड़की कुछ नहीं सोचेगी,

    और इस तरह दहशत से परे होगी

    या कहें कि दहशत के बीचोबीच

    लड़की में कुछ नहीं काँपेगा

    ऐसा कुछ भी नहीं, जिसे धड़कता हुआ कह सकें।

    सिर्फ़ कभी-कभी उसमें

    एक सपना धड़केगा

    या सपने में लड़की

    उस कभी-कभार वाले दिन लड़की निकलेगी

    सपने की नाल से अलग लिथड़ी देह लेकर

    उस दिन से बहुत दिनों दूर

    हथेली पर जीभ खींच लाए।

    उस दिन से बहुत दिनों दूर

    सपने में लड़की झाँकेगी

    अंधे कुएँ में

    भीतर होगी जिसके अंधी एक और लड़की

    आँखें जिसकी देखेंगी जिसे भी

    अंधा कर देंगी...

    लड़की सोचेगी—

    जो हिस्सा अंधा होना था, हो गया

    जो चुप होना था, वह हो गया

    जो लाचार होना था, वह भी हो गया

    फिर अब भला वह क्या करती है

    अंधे कुएँ में बैठी?

    वह यह सब सोचेगी, लेकिन सिर्फ़ सपने में

    दिखने में तो बाहर से वह ख़ुशमिजाज़ होगी

    मुँह उसका ज़ुबान बिना आदी

    आँखें उसकी दृश्यों से दूर

    रंग उसके चेहरे में गड्डमड्ड

    ज़ुबान के बारे में वह कभी नहीं सोचेगी

    भूलकर भी नहीं

    ज़ुबान के बारे में

    हथेली के बारे में

    होंठों के बारे में

    वीडियो
    This video is playing from YouTube

    Videos
    This video is playing from YouTube

    गगन गिल

    गगन गिल

    स्रोत :
    • पुस्तक : उर्वर प्रदेश (पृष्ठ 70)
    • संपादक : अन्विता अब्बी
    • रचनाकार : गगन गिल
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2010

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए