वो नहीं रहा
वही जो अपने बच्चे को बिलानागा
स्कूल छोड़ने-लेने आता था
अपना पुराना स्कूटर वो
बाक़ायदे पार्किंग में लगाता
इतने कम समय के लिए भी
वो ये चक्कर मोल लेता
बच्चे का बैग उसकी पीठ से यूँ चिपका होता
जैसे चौड़ी दीवार पर कोई नन्हा-सा स्टीकर
बच्चे को उसका बैग पहनाता
बोतल थमाता
और फिर उंगली पकड़ कर उसे स्कूल के
दरवाज़े पर छोड़ देता
वो वहीं रुकता जब तक
स्कूल की इमारत में बच्चे के साथ
बच्चे की छाया भी दाख़िल नहीं हो जाती
वह बाक़ी अभिभावकों को देखकर
मास्क नीचे कर मुस्कुराता
और दोनों पैरों पर खड़ी अपनी गाड़ी को
न्यूनतम धक्के के साथ उतारता
और उस पर यूँ सवार होता
जैसे पेड़ की डाल पर
बच्चे को लाने के लिए भी
वह समय से पर्याप्त पहले पहुँचता
धूल और धुएँ के गुबार से
यूँ निकाल कर लाता अपने बच्चे को
जैसे घने जंगल से बनफूल
वह उसे पहले पानी पीने को कहता
फिर उसे उसकी कैप पहनाता
बच्चे से अपने दोस्तों से विदा लेने को कहता
और फिर उसका बैग टाँगकर
बोतल लटकाकर
हेलमेट यूँ पहनता जैसे
फ़ॉर्मूला वन का रेसर हो
पर इसके ठीक उलट
धीमे-धीमे गाड़ी चलाता हुआ
पीली बत्ती वाला इंडिकेटर देकर
मोड़ से ओझल हो जाता
इस दरम्यान वो लगातार बच्चे से
बात करता हुआ नज़र आता
उँगली से उसे कुछ न कुछ दिखाता हुआ
लाल-बत्ती पर अपना स्कूटर
वो गाड़ियों की क़तार के पीछे ही लगाता
और बत्ती के हरी होने के बाद ही
अपनी गाड़ी स्टार्ट करता
उसके आने में कोई हड़बड़ी नहीं-जल्दबाज़ी नहीं
अक़्सर घर के कपड़ों में ही बच्चे को छोड़ता-लेने आता
लोग-बाग़ यही सोचते उसे देखकर
बेकार होगा, बीवी कमाती होगी
तभी इतना समय है
उसकी आँखों से पता चलता कि
उसे मालूम है लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं
और यह भी कि वह इस सबसे पूरी शाइस्तगी के साथ बेतकल्लुफ़ है
वो नहीं रहा
उसके नहीं रहने का कितना कुछ मतलब होगा
उसके घर-उसके बच्चे और कितने कुछ के लिए
पर उसके नहीं रहने का एक अर्थ यह भी तो है कि
वो अब कभी अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने-लेने नहीं आएगा
उसका स्कूटर अब नहीं दिखेगा उस जगह पर
गुलमोहर की बारीक पत्तियों और यायावर तिनकों से ढँका हुआ
एक आत्मीय शालीनता से वह सधी हुई भूमिका
अब नहीं निभेगी रोज़-रोज़
इस अनुपस्थिति का भी तो कोई मानी है
वरना क्या? एक ख़बर...वो नहीं रहा
कौन... वो... हाँ वही
वो नहीं रहा
ओह... इसीलिए आज इतने दिनों में पहली बार
उसका बच्चा स्कूल नहीं आया है।
- रचनाकार : सौम्य मालवीय
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.