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वह दिन कब आएगा

wo din kab ayega

ओमप्रकाश वाल्मीकि

ओमप्रकाश वाल्मीकि

वह दिन कब आएगा

ओमप्रकाश वाल्मीकि

और अधिकओमप्रकाश वाल्मीकि

    मेरी माँ ने जने सब अछूत ही अछूत

    तुम्हारी माँ ने सब बामन ही बामन।

    कितने ताज्जुब की बात है

    जबकि प्रजनन-क्रिया एक ही जैसी है।

    वह दिन कब आएगा

    बामनी नहीं जनेगी बामन

    चमारी नहीं जनेगी चमार

    भंगिन भी नहीं जनेगी भंगी।

    तब नहीं चुनेंगे

    जातीयहीनता के दंश।

    नहीं मारा जाएगा तपस्वी शंबूक

    नहीं कटेगा एकलव्य का अँगूठा

    कर्ण होगा नायक

    राम सत्तालोलुप हत्यारा।

    क्या ऐसे दिन कभी आएँगे?

    स्रोत :
    • पुस्तक : दलित निर्वाचित कविताएँ (पृष्ठ 66)
    • संपादक : कँवल भारती
    • रचनाकार : ओमप्रकाश वाल्मीकि
    • प्रकाशन : इतिहासबोध प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

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