टूटे हुए तारे गिरने कहाँ जाते हैं?
tute hue tare girne kahan jate hain?
प्रियंका दुबे
Priyanka Dubey
टूटे हुए तारे गिरने कहाँ जाते हैं?
tute hue tare girne kahan jate hain?
Priyanka Dubey
प्रियंका दुबे
और अधिकप्रियंका दुबे
अवांछित अनचाहा प्रेम
एक ऐसा उल्का-पिंड है जिसे
सृष्टि का कोई भी ग्रह
अपनाना नहीं चाहता
टूटे हुए तारे गिरने के लिए आख़िर कहाँ जाते हैं?
कौन-सा ग्रह देता होगा अपनी ज़मीन पर
उन्हें जल कर बिखर जाने भर की पनाह?
सारे ग्रहों से मायूस लौटने पर
क्या अंतरिक्ष की काली अंधी खोह में
अनंत काल तक गिरते जाना ही
इन टूटे उल्का-पिंडों की नियति होती होगी?
मैं धरती पर सुनना चाहती हूँ
इस अवांछित प्रेम का गिरना
लेकिन
इस ‘फ़्री-फ़ॉल’ में आवाज़ नहीं आती।
- रचनाकार : प्रियंका दुबे
- प्रकाशन : समालोचन
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