यूँ नहीं

yoon nahin

अखिलेश सिंह

अखिलेश सिंह

यूँ नहीं

अखिलेश सिंह

और अधिकअखिलेश सिंह

    जीवन ऐसा नहीं होना चाहिए

    कि दो टाँगों के बीच की दूरी बहुत बढ़ जाए

    मौसम ऐसा नहीं होना चाहिए

    कि जंजाल के छातों को वह भेद सके

    किसानी ऐसी नहीं होनी चाहिए

    कि खेतों को आसमान से चुगली करनी पड़े

    विचार ऐसे नहीं होने चाहिए

    कि तीस सेकेंड में उनकी रेसिपी स्पष्ट हो जाए

    रेल ऐसी नहीं होनी चाहिए

    कि उसमें मूँगफली के छिलके तक मिलें

    बुराई ऐसी नहीं होनी चाहिए

    कि झट से अच्छाइयों से दोस्ती कर बैठे

    रौशनी ऐसी नहीं होनी चाहिए

    कि उसे आपस में विमाएँ भटकाती रहें

    मर्मस्थल ऐसे नहीं होने चाहिए

    कि झपट्टा मारकर कोई उन्हें चुरा ले जाए

    प्रतिभा ऐसी नहीं होनी चाहिए

    कि तारीफ़ों की सूती से उसे छील दिया जाए।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अखिलेश सिंह
    • प्रकाशन : सदानीरा

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