रेडलाइट एरिया में खड़े आदमी का आत्मालाप
reDlait eriya mein khaDe adami ka atmalap
हर्षदेव माधव
Harshdev Madhav
रेडलाइट एरिया में खड़े आदमी का आत्मालाप
reDlait eriya mein khaDe adami ka atmalap
Harshdev Madhav
हर्षदेव माधव
और अधिकहर्षदेव माधव
यहाँ हैं
पुष्पों के आमंत्रण
किंतु सुगंध की मादकता नहीं है।
यहाँ है
पिंजरे में क़ैद सारिकाओं की
कलध्वनि,
किंतु बसंत की उमंग नहीं है।
शब्द हैं-अर्थ की संवेदना से रहित।
जल है-मानो उकेरा हुआ हो।
बग़ीचा है-प्रफुल्लता से रहित।
तृष्णा के जंगल में विहार करती हैं
सोने की पीठ वाली हरिणियाँ।
अब
राम छोड़ कर गए पंचवटी को,
यहाँ है आना-जाना
निशाचरों का।
- पुस्तक : तेरे स्पर्श-स्पर्श में (पृष्ठ 160)
- रचनाकार : हर्षदेव माधव
- प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
- संस्करण : 2016
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