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सबसे बड़ा छाता

sabse baDa chhata

मनोज कुमार

मनोज कुमार

सबसे बड़ा छाता

मनोज कुमार

और अधिकमनोज कुमार

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा दूसरी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    बारिश! झमा-झम बारिश!

    लगातार बारिश!

    छत पर झमा-झम। घर में टप-टप।

    और आँगन में...छप-छपाक।

    गीला हो गया बिस्तर,

    अम्मा की साड़ी,

    और दादी का कंबल।

    गीला और सर्द

    हो गया पूरा शहर।

    लेकिन मैं, मेरे पास है छाता।

    छाते के भीतर मैं और सलीम।

    बिल्कुल सूखे और गर्म।

    मैंने छाते में टिल्लू को भी बुलाया।

    अब टिल्लू बिल्कुल सूखा।

    मैं और सलीम कुछ गीले-गीले से।

    मैंने दयाल चाचू से बड़ा

    छाता माँग लिया।

    अब सब छाते के अंदर।

    फिर लता और मोनू भी गए।

    बड़ा छाता पड़ गया छोटा।

    दयाल चाचू से और बड़ा छाता

    ले आए।

    अब सब छाते के अंदर।

    शलीन और सनत भी गए।

    और बड़ा छाता पड़ गया छोटा।

    दयाल चाचू से बहुत बड़ा

    छाता ले आए।

    अब सब छाते के अंदर।

    सोनू, हामिद, हरमीत सब

    के सब गए।

    बहुत बड़ा छाता भी पड़

    गया छोटा।

    दयाल चाचू बहुत बड़े छाते से बहुत-बहुत बड़ा छाता दो।

    दयाल चाचू ने कहा—इससे बड़ा छाता तो बनता ही नहीं।

    बड़ा होकर मैं दुनिया का सबसे बड़ा छाता बनाऊँगा।

    आसमान जितना बड़ा! जो बारिश में पूरे शहर को छुपा लेगा।

    टिल्लू, सलीम, अम्मा, चाचू, राकेश, हामिद, हरमीत, शलीन

    और सनत। सब होंगे छाते के भीतर। सूखे और गर्म।

    बारिश! झमा-झम बारिश!

    घर में टप-टप।

    और आँगन में...छप-छपाक।

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    मनोज कुमार

    मनोज कुमार

    स्रोत :
    • पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 116)
    • रचनाकार : मनोज कुमार
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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