रोम 2017
rom 2017
“जो पास वाले घर में रहता है उसे मारा जा सकता है
जो पिछली गली में रहता है उसे मारा जा सकता है
जो शहर के दूसरे छोर पर रहता है उसे मारा जा सकता है
जो बाहर से आया है उसे आने के लिए मारा जा सकता है
जो शहर में नहीं रहता उसे उसके बच्चों के साथ मारा जा सकता है
वह हमारे जैसा नहीं उसके पूरे क़बीले को मारा जा सकता है”
धीमी आवाज़ में एक लड़की से कह रहा था वह
कोलोजियम के सामने सुनहरी बीयर पीते हुए
गली में दीवार पर ख़ून और तलवार की इबारत
रिसेप्शन पर एक नवनाज़ी
शहर जिसका उपन्यास है
- रचनाकार : गिरिराज किराडू
- प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका
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