हाइकु रोहित वेमुला के 'बलिदान' आत्महत्या पर
haiku rohit wemula ke balidan atmahatya par
मुसाफ़िर बैठा
Musafir Baitha
हाइकु रोहित वेमुला के 'बलिदान' आत्महत्या पर
haiku rohit wemula ke balidan atmahatya par
Musafir Baitha
मुसाफ़िर बैठा
और अधिकमुसाफ़िर बैठा
एक
तू बोया पेड़
बबूल रे भगवे
आम झुलसे
दो
हैदराबाद
से जोड़ा दिल्ली तैने
तो शेर गिरा!
तीन
रोहित! जला
दे मनुवाद काश
तेरी क़ुर्बानी
चार
एकलव्य की
जाँच बड़ी रे, द्रोण
ना सुधरेंगे!
पाँच
धर्म बड़ा जो
आदमी से, समझो
कुत्ता वज़नी!
छह
धर्म चड्डी में
करे है बलवा तू
मल-मानव
सात
आततायी रे,
कहो तू कैसा, कौन
राष्ट्रवादी हो!
- रचनाकार : मुसाफ़िर बैठा
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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