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प्रदूषण की कमी से साफ़-साफ़ दिखाई देने वाली चीज़ों की अधूरी सूची

pradushan ki kami se saf saf dikhai dene wali chizon ki adhuri suchi

सौरभ कुमार

सौरभ कुमार

प्रदूषण की कमी से साफ़-साफ़ दिखाई देने वाली चीज़ों की अधूरी सूची

सौरभ कुमार

और अधिकसौरभ कुमार

    प्रार्थनाएँ

    वे चुटकुले हैं

    जिन्हें सुनाकर ईश्वर

    नन्हे बच्चों को नींद में हँसाता है

    हँसी

    एक चेहरे का दूसरे चेहरे को भेजा गया निमंत्रण है

    जैसे तितली एक फूल का दूसरे फूल को

    जैसे लोरी निमंत्रण है नींद को

    नींद सपनों के खेत हैं

    बहुत से सपनों के पुरखे उम्र भर

    पराए खेतों में बँधुआ मज़दूर रहे!

    मज़दूर

    मेरी भाषा का सबसे खुरदुरा शब्द है

    पहली मई के झुटपुटे में वह

    बज-बजाते नारों की झोपड़पट्टी से निकलता है और शाम होते-होते

    किसी निर्माणाधीन इमारत या पुल के नीचे दबकर

    मर जाता है

    एक फ़रेबी कवि पुल को

    ‘बहुत दिनों तक साथ रहकर उकता गए दो छोरों के बीच का आख़िरी संबंध’

    जैसा कुछ कहेगा

    लेकिन असल में

    दुनिया का हर एक पुल

    असमय मर गए मज़दूरों का अघोषित स्मारक है

    आप एक कवि को उसके लिखे से ज़्यादा

    उसके द्वारा छोड़ दिए गए विषयों से पहचान सकते हैं।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सौरभ कुमार
    • प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका

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