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काव्‍य-मर्यादा

kaw‍y maryada

नवीन रांगियाल

नवीन रांगियाल

काव्‍य-मर्यादा

नवीन रांगियाल

और अधिकनवीन रांगियाल

    आवाज़ अगर मिली है—

    वह ने'मत है

    उसका रियाज़ करते रहना सुबह-शाम

    एक सौ आठ मनकों से लपेटे रखना उस ध्‍वनि को

    उसे याद रखना

    अपने पुरखों की जीवित गंध

    और उनकी स्‍मृतियों की तरह

    उनके अंतिम फूलों की तरह

    जिन्‍हें नदी में बहाया था अपने हाथों से

    याद रखना

    उसका रियाज़ करना

    उसमें पानी मत मिलाना—

    दूध में पानी मिलाने की तरह

    उस आवाज़ में वही बात कहना

    जो उसके लिए बनी है

    याद रखना—

    उसके लिए कविताएँ बनी हैं

    आवाज़ के लिए बनी हैं प्रार्थनाएँ

    सबद बने हैं उसके लिए

    और जीवन-मृत्यु के गीत

    अपनी आवाज़ में पानी मत मिलाना।

    स्रोत :
    • रचनाकार : नवीन रांगियाल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए द्वारा चयनित

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