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फिर लोहे के गीत हमें गाने होंगे

phir lohe ke geet hamein gane honge

शशिप्रकाश

शशिप्रकाश

फिर लोहे के गीत हमें गाने होंगे

शशिप्रकाश

और अधिकशशिप्रकाश

    फिर लोहे के गीत हमें गाने होंगे।

    दुर्गम यात्राओं पर चलने के संकल्प जगाने होंगे।

    फिर से पूँजी के दुर्गों पर हमले करने होंगे।

    नया विश्व निर्मित करने के सपने रचने होंगे।

    श्रम की गरिमा फिर से बहाल करनी होगी।

    सुंदरता के मानक फिर से गढ़ने होंगे।

    फिर लोहे के गीत हमें गाने होंगे।

    सत्ता के महलों से कविता बाहर लानी होगी।

    मानवात्मा के शिल्पी बनकर आवाज़ उठानी होगी।

    मरघटी शांति की रुदन भरी प्रार्थना रोकनी होगी।

    आशाओं के रणराग हमें रचने होंगे।

    फिर लोहे के गीत हमें गाने होंगे।

    स्रोत :
    • पुस्तक : कोहेक़ाफ़ पर संगीत-साधना (पृष्ठ 130)
    • रचनाकार : शशिप्रकाश
    • प्रकाशन : परिकल्पना प्रकाशन
    • संस्करण : 2006
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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