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फिर क्या होगा उसके बाद?

phir kya hoga uske baad?

बालकृष्ण राव

बालकृष्ण राव

फिर क्या होगा उसके बाद?

बालकृष्ण राव

और अधिकबालकृष्ण राव

    फिर क्या होगा उसके बाद?

    उत्सुक होकर शिशु ने पूछा,

    माँ, क्या होगा उसके बाद?

    रवि से उज्ज्वल, शशि से सुंदर,

    नव किसलय दल से कोमलतर

    वधू तुम्हारी घर आएगी

    उस विवाह उत्सव के बाद!

    पल भर मुख पर स्मित की रेखा,

    खेल गई, फिर माँ ने देखा—

    कर गंभीर मुखाकृति शिशु ने

    फिर पूछा, माँ क्या उसके बाद?

    फिर नभ के नक्षत्र मनोहर,

    स्वर्ग-लोक से उतर-उतरकर,

    तेरे शिशु बनने को, मेरे

    घर आएँगे उसके बाद।

    मेरे नए खिलौने लेकर,

    चले जाएँ वे अपने घर!

    चिंतित हो कह उठा, किंतु फिर

    पूछा शिशु ने, उसके बाद?

    अब माँ का जी ऊब चुका था,

    हर्ष श्रांति में डूब चुका था;

    बोली, फिर मैं बूढ़ी होकर

    मर जाऊँगी उसके बाद।

    यह सुनकर भर आए लोचन,

    किंतु पोंछ कर उन्हें उसी क्षण,

    सहज कुतूहल से फिर शिशु ने

    पूछा, माँ, क्या उसके बाद?

    कवि को बालक ने सिखलाया

    सुख-दुख है पल भर का माया,

    है अनंत का तत्त्व-प्रश्न यह

    फिर क्या होगा उसके बाद?

    स्रोत :
    • पुस्तक : कविता सदी (पृष्ठ 213)
    • संपादक : सुरेश सलिल
    • रचनाकार : बालकृष्ण राव
    • प्रकाशन : राजपाल एंड संस
    • संस्करण : 2018

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