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खिड़की

khiDki

वसंत आबाजी डहाके

और अधिकवसंत आबाजी डहाके

    वह देख रहा था,

    खिड़की के भीतर से बाहर धूप में नहाता पेड़

    लपटों जैसा

    बिना पत्तों वाला, ज्वालाओं जैसा ज़मीन से

    ऊपर आया हुआ।

    उसकी ऊपर उठी ऊँची टहनियाँ

    आकाश में धँसी हुई

    नीली ख़ला में।

    पेड़ की पर्णहीन टहनियों पर

    एक उजला बादल जैसा

    टहनी पर बादल के

    कपास जैसे रुपहले फूल।

    पेड़ देख रहा है,

    खिड़की के भीतर एक चेहरा धूमिल

    पर्णहीन टहनियों पर के शुभ्र

    बादल जैसा।

    खिड़की

    दोनों ही दिशाओं में

    खुली हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : साठोत्तर मराठी कविताएँ (पृष्ठ 83)
    • संपादक : चंद्रकांत पाटील
    • रचनाकार : वसंत आबाजी डहाके
    • प्रकाशन : साहित्य भंडार
    • संस्करण : 2014
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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