आज़ादी
azadi
आज़ादी का मतलब है
कि कल सुबह जब मेरी आँखें खुलें
तो मौसम आज से बेहतर महसूस हो
तमाम मुसीबतों से लड़ते हुए लगे
कि नहीं हम जीत रहे हैं
और हमारी लड़ाई ज़ाया नहीं जा रही
एक ईंट मेरी भी रखी है इस नींव में
और हम एक मुल्क को ख़ूबसूरत बना रहे हैं
पड़ोस के चेहरों पर आई ख़ुशियों में
मेरे भी पसीने की बूँद को अमरत्व मिला है
मुझे अपने मुल्क से प्यार है
जितना कि कोई भी बेटा अपने बाप से करता है
जितना कि कोई किसान अपनी ज़मीन से करता है।
जब लाल सूरज गुज़रता है मेरे मुल्क से
तो मैं भी ख़ुश होता हूँ बेवक़ूफ़ बच्चे की तरह
रात में जब मेरे मुल्क में चाँद ठहरता है
तो अपनी महबूबा की बाँहों का ख़याल करते हुए
मेरे मन में मेरा मुल्क महकता है
लेकिन नहीं अपने बहुत ख़ुशहाल
मेरे महबूब मुल्क की आज़ादी का मतलब
यह बिल्कुल नहीं कि अपनी प्यास बिसूरता रहूँ
और साबित करता रहूँ
अपने रक़ीबों को अपना प्यार
जिन्हें ज़रा भी प्यार नहीं मेरे देश की आत्मा से
इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं
कि मैं उन्हें अपनी सच्चाई साबित करता रहूँ
जो ख़ून पीते हैं मेरी मुल्क की नसों का
नहीं किसी को कुछ साबित नहीं करना
लेकिन हाँ कल सुबह जब मैं जागूँ
तो कल मौसम कुछ अच्छा ज़रूर होना चाहिए।
- रचनाकार : सारुल बागला
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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