Font by Mehr Nastaliq Web

पत्र

patr

अतुल

अतुल

पत्र

अतुल

और अधिकअतुल

    तुम जो देखते हो ग़रीब की ठठरियाँ और उसमें निहार लेते हो तुम्हारा सौंदर्यबोध

    तुम्हें चाहिए एक ढाँचे में बदलता हुआ मनुष्य

    जिससे तुम दिखा सको संवेदना

    पर जिसके मुँह से भूख निकले

    प्यास

    और रोज़ी

    तुम जो बैठते हो लेके क़लम की कुल्हाड़ी

    ताकि बुआई वाले के छाले वाले हाथ मशाल थाम लें

    और जला दें बरसों की तुम्हारी इस सड़ी गली व्यवस्था को

    तुम फ़रेबी हो

    और तुम्हारी कहानियाँ तुम्हारे फ़रेब की ढाल

    इसलिए तुम लिखते जा रहे हो

    उनके हवाले से प्रेम-पत्र

    जिनमें वे अपने छाले, अपने ज़ख़्म और अपने निशान

    प्रेमिका के केश की तरह सुघर समझते हैं।

    तुम नक़ली हो

    और इसलिए ‘नैरेटिव’ की आड़ में

    दुत्कारते हो हर किसी को

    जो बात कर रहा है कि कुछ बीस उँगलियों में दस पे फोकचे

    और बाकी दस में अँगूठियाँ क्यूँ हैं?

    तुम्हें वो फोकचे और उनसे बहता मवाद

    दोनों तस्वीरों में फ़्रेम कराने हैं

    जिससे अँगूठी जड़ी हथेलियाँ उन्हें सहलाते हुए

    ‘उफ़्’ कर सकें।

    एक औरत है

    जिसकी बीस से अधिक पुरुष ख़ाकी पहने

    बोटियाँ नोच रहे हैं

    तुम्हें उस औरत से भयानक सहानुभूति है

    मगर तुम चाहते हो कि वो ढूँढ़ ले अपना मुक्ति-मार्ग

    चुपचाप

    बिना किसी शोर के उठे

    तुम जानते हो जड़ना कविता की चाबुक प्रतिरोध की आवाज़ पे

    तुम्हें नुकीले दाँत और नाख़ून दोनों छुपाने आते हैं

    इसलिए तुम बोलते भी नहीं अपने नाम में

    बल्कि गाड़ते हो दस्तावेज़

    समय की दहलीज़ में

    जिनमें एक भूखा बच्चा, एक नंगी औरत और एक गोलियों से सनी लाश

    ऊँची आवाज़ में चीख़ रहे हैं :

    ‘‘भूख की बात बंद हो’’

    ‘‘देह की बात बंद हो’’

    ‘‘हत्या की बात बंद हो’’

    स्रोत :
    • रचनाकार : अतुल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए