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पतंग (एन.सी. ई.आर.टी)

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आलोकधन्वा

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पतंग (एन.सी. ई.आर.टी)

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    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा बारहवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    सबसे तेज़ बौछारें गईं भादों गया

    सवेरा हुआ

    ख़रगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

    शरद आया पुलों को पार करते हुए

    अपनी नई चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए

    घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से

    चमकीले इशारों से बुलाते हुए

    पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

    चमकीले इशारों से बुलाते हुए और

    आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

    कि पतंग ऊपर उठ सके—

    दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज़ उड़ सके

    दुनिया का सबसे पतला काग़ज़ उड़ सके—

    बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके—

    कि शुरू हो सके सीटियों, किलकारियों और

    तितलियों की इतनी नाज़ुक दुनिया

    जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास

    पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास

    जब वे दौड़ते हैं बेसुध

    छतों को भी नरम बनाते हुए

    दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए

    जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं

    डाल की तरह लचीले वेग से अक्सर

    छतों के ख़तरनाक किनारों तक—

    उस समय गिरने से बचाता है उन्हें

    सिर्फ़ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत

    पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज़ एक धागे के सहारे

    पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं

    अपने रंध्रों के सहारे

    अगर वे कभी गिरते हैं छतों के ख़तरनाक किनारों से

    और बच जाते हैं तब तो

    और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं

    पृथ्वी और भी तेज़ घूमती हूई आती है

    उनके बेचैन पैरों के पास।

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    आलोकधन्वा

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    स्रोत :
    • पुस्तक : आरोह (भाग-2) (पृष्ठ 11)
    • रचनाकार : आलोकधन्वा
    • प्रकाशन : एन.सी. ई.आर.टी
    • संस्करण : 2022
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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