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कितनी प्यारी है ये दुनिया

kitni pyari hai ye duniya

जयंती मनोकरन

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कितनी प्यारी है ये दुनिया

जयंती मनोकरन

और अधिकजयंती मनोकरन

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा एक के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    मुझे हवा प्यारी लगती है...

    और सूरज और बारिश भी।

    मुझे धरती प्यारी लगती है...

    और समुद्र और आसमान भी।

    मुझे चिड़िया प्यारी लगती हैं...

    और जानवर और मछलियाँ भी।

    मुझे फूल प्यारे लगते हैं...

    और फल भी।

    मुझे अपनी किताबें अच्छी लगती हैं...

    और अपने कपड़े, अपने खिलौने भी।

    मुझे माँ और बापू प्यारे लगते हैं...

    और अपने भाई और बहन भी।

    मुझे सारी दुनिया प्यारी लगती है।

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    जयंती मनोकरन

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    स्रोत :
    • पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 98)
    • रचनाकार : जयंती मनोकरन
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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