कितनी प्यारी है ये दुनिया
kitni pyari hai ye duniya
नोट
प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा एक के पाठ्यक्रम में शामिल है।
मुझे हवा प्यारी लगती है...
और सूरज और बारिश भी।
मुझे धरती प्यारी लगती है...
और समुद्र और आसमान भी।
मुझे चिड़िया प्यारी लगती हैं...
और जानवर और मछलियाँ भी।
मुझे फूल प्यारे लगते हैं...
और फल भी।
मुझे अपनी किताबें अच्छी लगती हैं...
और अपने कपड़े, अपने खिलौने भी।
मुझे माँ और बापू प्यारे लगते हैं...
और अपने भाई और बहन भी।
मुझे सारी दुनिया प्यारी लगती है।
- पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 98)
- रचनाकार : जयंती मनोकरन
- प्रकाशन : एनसीईआरटी
- संस्करण : 2022
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