मोमबत्तियाँ
mombattiyan
एक
फूल खिले, लाल, सफ़ेद और पीले
मधुमक्खियों ने मँडराना शुरू किया
फूलों ने परागण कर आबादी बढ़ाई अपनी
और मधुमक्खियों ने बसाया अपना रिहायशी इलाक़ा एक
बनाई उस इलाक़े की व्यवस्था एक
पद दिया किसी एक को
रानी मधुमक्खी का
कुछ सैनिक-श्रमिक हो गईं फूलों से मोम जुटाने के लिए
दो
मोमबत्तियाँ बनाने के कुछ कारख़ाने बने
कारख़ानों में भी सैनिक-श्रमिक
और स्ट्रीटलाइटें भी
स्ट्रीटलाइटों की चकाचौंध रोशनी में
मरती चली जाती मधुमक्खियाँ
तीन
बचपन में मोमबत्तियाँ रोशनी का पर्याय थीं
चाँदे, पेंसिल और पटरी के साथ-साथ मोमबत्ती को सिरजते थे हम
दीपावली में बनाए गए बालसुलभ घरौंदों में
पटाखों में माचिस लगाने में आनंद बहुत आता था
भले ही पटाखे या माचिस हम ख़रीद नहीं सकते थे
मिट्टी का तेल जब घर में ख़त्म हो
तो मोमबत्तियों में पढ़ते थे इम्तिहानों के दौरान
बहुत महँगी लगती थीं मोमबत्तियाँ
चार
मोमबत्तियों का बहुत बड़ा प्रतीकात्मक महत्व जाना
आंदोलनों के दौरान
मधुमक्खियों ने बनाईं मोमबत्तियाँ
मौक़े पर मोमबत्तियाँ सूर्य हो जातीं
जितना बड़ा सूर्य जनता के लिए
उससे बड़ा राजनीतिज्ञों के लिए
तीसरी दुनिया के किसी गरमतापी देश में
पाँच
जब हाथ जल गया मोमबत्ती से
तो नज़रिया बदल गया मोमबत्ती के प्रति
मामले की जड़ तक जाते-जाते
कोसना पड़ा मोमबत्तियों की जनक
मधुमक्खियों को।
छह
अख़बारों में दर्ज ख़बरें देख लगा
कि दीप से दीप जलाने से ज़्यादा
एक के बाद एक घर फूँकने में
इस्तेमाल किया दंगाइयों ने मोमबत्ती का
मोमबत्तियाँ बचाना ज़रूरी है
घर बचाना और भी ज़्यादा ज़रूरी।
- रचनाकार : प्रांजल धर
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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