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मेरे जाने के बाद

mere jane ke baad

नरेन सहाय

नरेन सहाय

मेरे जाने के बाद

नरेन सहाय

और अधिकनरेन सहाय

    मेरे जाने के बाद

    मकान मालिक ने

    टेरेस को हटा कर

    कमरा न. 8 बना दिया

    अब वहाँ टेरेस की जगह,

    ख़ाली कमरा और बरगद की

    ऊपरी डालियों का ठिकाना था।

    मेरे कमरे में कुछ किताबें रहती थीं

    इसलिए लोग उसे

    कविता वाला कमरा कहने लगे थे—

    मैंने पाया

    जहाँ मेरा जन्म हुआ

    वह घर इमली की जड़ों के

    संपर्क में आकर आधा पेड़ हो गया।

    अब गाँव वाले

    उसे इमली वाला घर बुलाते हैं—

    जहाँ मेरा बचपन बीता, खेलते हुए

    वह मैदान अब सागौन के

    घने जंगल में बदल गया।

    अब देखना यह है

    जिन लड़कियों के साथ रहा प्रेम मेरा

    जिनके लिए रोया मैं उनकी पीठ के पीछे

    वे क्या होती हैं?

    स्रोत :
    • रचनाकार : नरेन सहाय
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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