मैं तो इक रमता योगी हूँ
घूमते रहना मेरा काम है
मेरी नज़र बहुत पैनी है
अक्सर जलसों में जाता हूँ
देखता और परखता हूँ
मैं अभी-अभी तो आकर बैठा
इक भारी जलसा था कोई—
'चीफ़-गेस्ट' ने फीता काटा
अदबी समारोह था कोई—
धनी कोई भाषण था देता।
कितने ही चेहरों को देखा
कुछ तो सूट-बूट पहने थे
कुछ के चेहरे लाल सुर्ख़ थे
मैं एक लैन्ज़ हूँ—
एक इशारिया सात फ़ील्ड का।
लेखक की पहचान मुझे है
पर उस अदबी समारोह में
न लेखक न दानीश्वर थे
बीच तालियों, हँसी-हँसी में
चर्चों ने थी बाज़ी मारी
अगली सीटों पर बैठे थे
अक्सर आगे बैठने वाले
अपने को सिरमौर समझते—
अपने को विद्वान समझते।
पाउडर और ख़िजाब लगाकर
रिश्तों की पोशाक पहनकर
चमचागिरी से लाभ उठाकर
अक्सर आगे ही रहते हैं।
'चीफ़-गेस्ट' जिस जगह हो बैठा
झटपट जा उससे मिलते हैं
अदब के नाम से डरने वाले
हाँ में हाँ मिलाने वाले
कलाकार से जलने वाले
चाय पीते, हाथ मिलाते
बात कहीं टिकने नहीं देते
अदबी शातिर श्वेत गीध
मैं एक लैन्ज़ हूँ—
एक इशारिया सात फ़ील्ड का।
ये फ़सली तोते और गीध
हर पल जिनको देखूँ-परखूँ
गर्दन उठा, चौकन्ने होकर
मेरी ओर ताकते रहते
फ़ोटो खिंची, पर फ़्लैश चली न
कल 'अख़बार में फ़ोटो छपेगी
उस अख़बार के चर्चे होंगे
विजय मनाएँगे ये गीध
ख़ुशी मनाएँगे ये गीध
जो बैठे हैं पहले आकर
झूठा अदबी जामा पहने
महायज्ञ पर छा जाते हैं
महायज्ञ पर छा जाते हैं।
हुनर मेरा है फ़ोटो खींचना
यह मेरा दुःखांत है भाई
ढूँढ़ता हूँ कहाँ हैं वो
वाद-विवाद हुआ है जिन पर
'पेपर' लिखा गया है जिन पर
जान तली पे रखने वाले
रक्त की बूँदें मान के अक्षर
भूखे पेट ही लिखते रहते
भूखे पेट ही छापते रहते
दूर कहीं अँधियारे में
दाँत करीचते, बीड़ी पीते
अपने आप पे झुँझलाते
आँखें फाड़ मंच को देखते
'चीफ़-गेस्ट' को घूरते रहते
बिन कारण जो हँसता रहता
उन तक नहीं पहुँच पाता मैं
पश्चात्ताप ही कर सकता हूँ
मैं एक लैन्ज़ हूँ—
एक इशारिया सात फ़ील्ड का।
मेरा एक दुःखांत है भाई
लेखक, कलाकार की ख़ातिर
या फिर
चित्रकार की ख़ातिर
जब भी मैं कुछ करना चाहूँ
उनको आगे लाना चाहूँ
तो ये गीध, फ़सली तोते
वे भी आगे आ जाते हैं
हो जाऊँ ग़र इनकारी
तो
इन गीधों के साथ-साथ ही
कलाकार भी मर जाता है,
चित्रकार भी मर जाता है,
काव्यकार भी मर जाता है।
- पुस्तक : आधुनिक डोगरी कविता चयनिका (पृष्ठ 184)
- संपादक : ओम गोस्वामी
- रचनाकार : ओ. पी. शर्मा 'सारथी'
- प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
- संस्करण : 2006
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.