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काफल

kaphal

पवन चौहान

और अधिकपवन चौहान

    रोचक तथ्य

    1. ‘काफल’ हिमाचल का एक जंगली फल है जो गर्मी के मौसम में लगता है। लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। जंगल के किनारे रहने वाले ग़रीब लोग इन दिनों इसे घर-घर बेचकर अपनी आर्थिकी को सहारा देते हैं। 2. ‘छड़ोल्हु’- बाँस की बनी हुई टोकरी 3. ‘ख्योड’- हिमाचल के मंडी जिले का एक प्रसिद्ध पहाड़ी मेला

    लो फिर गया ‘काफल’

    लाल, मैरुन रंग का

    ‘छड़ोल्हु’ में सजा

    हर किसी के मुँह में जाने को तैयार

    ऊँचे पहाड़ से उतरी

    नीलू की माँ

    हर साल लाती है काफल

    बेचती है उन्हे शहर

    और मैदान में बसे गाँव में

    लोगों के लिए मात्र यह फल है

    पर नीलू की माँ के लिए

    क़ुदरत का यह तोहफ़ा सौगात है

    सौगात है

    उसके और उसके परिवार के लिए

    ‘केबीसी’ के किसी एपीसोड में जीते

    कम से कम रुपए जितनी

    डेढ़-दो महीने के इस सीजन में

    कमा लेती है वह गुज़ारे लायक

    अपने परिवार के

    जोड़ लेती है इन रुपयों से

    अपने परिवार की ज़रुरत की चीज़ें

    नीलू की माँ ख़ुश है

    इस बार भर गया है जंगल

    काफल के दानों से

    हर पेड़ हो गया है सुर्ख़ लाल

    इस बार ख़ूब होगी आमदन

    जुटा लेगी वह इस बार

    अपनी ज़रुरत का हर सामान

    पिछले वर्ष की भांति नहीं खलेगी

    रुपयों की कमी

    अपने बेटे को ‘ख्योड़’ मेले के लिए देगी वह

    खुले मन से रुपए

    पति के लिए लाएगी वह

    एक बढ़िया-सी व्हील चेयर

    अपने लिए भी ख़रीदेगी वह

    अपनी पसंद का एक बढ़िया-सा सूट

    वह बेच रही है काफल

    घर-घर

    बिना समय गँवाए

    जानती है वह

    ज़्यादा दिन की नहीं है इसकी रौनक़

    कुछ ही दिनों में

    फिर लौट आएगी उसकी

    पुरानी दिनचर्या

    जाएगी वह फिर

    घर-घर

    माँजेगी लोगों के जूठे बर्तन

    धोएगी उनके मैले कपड़े

    थकी हुई लौटेगी घर जब

    नहीं होगी उसके चेहरे पर वह रौनक़

    जो काफल बेचने की थकान के बाद

    रोज होती थी शाम को

    जब करती थी वह काफल के दानों का हिसाब

    नोटों की बढ़ती हर परत को खोलती हुई।

    स्रोत :
    • रचनाकार : पवन चौहान
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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