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इधर शव जल रहे थे

idhar shau jal rahe the

प्रियदर्शन

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इधर शव जल रहे थे

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और अधिकप्रियदर्शन

    इधर शव जल रहे थे

    उधर भाषण चल रहे थे

    महामारी पर चंद सवाल

    आक़ा को खल रहे थे

    नया क़िला जीतने के

    अरमान मचल रहे थे

    ऑक्सीजन नहीं था

    प्राण निकल रहे थे

    टीका महोत्सव के

    सुझाव चल रहे थे

    श्मशान गुलज़ार थे

    घर दहल रहे थे

    साहब‌ बेफ़िक्र थे

    आँकड़े बदल रहे थे

    क्या वे इनसान थे?

    या राक्षस चल रहे थे?

    स्रोत :
    • रचनाकार : प्रियदर्शन
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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