मध्य प्रदेश में भीमबेटका की गुफाएँ पाषाणयुग में कला और संस्कृति का
प्राचीनतम चिह्न और आदि प्रमाण हैं। आदिमानव जंगलों में जंगली जीवन
बिताते थे, जो पशुओं के क़रीब था और मानव का अन्य पक्ष विकसित नहीं
था। चित्रों के माध्यम से शिकार का पहला प्रमाण भारतवर्ष में यहीं से प्राप्त
होता है।
चलो भीमबेटका चलते हैं
और खोजते हैं
अपने अस्तित्व का प्रमाण
यहाँ ठहरा हुआ है
लाखों वर्षों से समय, जस-का-तस
खोजती हूँ मैं
इन शैल चित्रों में स्वयं को
मैं आश्चर्यचकित हो उठती हूँ
कि इसकी दीवारों पर तो
मैं भी झूल रही हूँ
समय के गले में डाले गलबहियाँ
यहीं से पता चलता है
शिकार और शिकारी का असली भेद
देखो कैसे तुम
तीर-धनुष को लेकर
दौड़ रहे हो मेरे पीछे
मैं हिरनी जैसी डरी और सहमी
भागती हूँ बचने की जुगत में
मैं लाँघ जाती हूँ
एक साथ कई शताब्दियों को
लेकिन विडंबना तो देखो
मैं आज भी इक्कीसवीं शताब्दी में
अपनी आत्मरक्षा के लिए
कातर निगाहों से
देखती हूँ तुम्हारी ही ओर
(madhya pardesh mein bhimbetka ki guphayen pashanayug mein kala aur sanskriti ka
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।