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हवाएँ

havayen

सर्गेई येसेनिन

और अधिकसर्गेई येसेनिन

    वे हवाएँ थीं नहीं बेकार

    जो हिलाकर रख गईं आकाश को

    था नहीं बेकार वह तूफ़ान

    उड़कर गया जो

    भर गया चुपचाप कोई

    आँख में मेरी

    आरामदायक रोशनी भरपूर

    छुआ हल्के हाथ से मुझको किसी ने

    दुःख अँधेरी रात में मैंने मनाया

    उस मनोहर भूमि के हित

    जो उठाती कष्ट

    मेरी दृष्टि से हो दूर

    मौन नभ-गंगा नहीं करती मुझे भयभीत

    अपने तारकों से

    लोक औ' परलोक दोनों खींचते हैं

    प्यार मेरा

    जैसे यहाँ पर सुपरिचित तंदूर

    ये सभी देते मुझे आशीष पावन

    किंतु इनका तेज है मुझको जगाता

    झील-दर्पण पर बिखरती

    मंद गति से लाल संध्या

    पोस्त-फूलों का कि जैसे नूर

    इन पोस्त-फूलों के समुन्दर पर

    निकल जिह्वा से स्वतः

    दौड़ती है कल्पना

    सद्य: जन्मे अरुण बछड़े को कहीं

    व्योम-धेनु चाटती है प्यार में हो चूर।

    स्रोत :
    • पुस्तक : एक सौ एक सोवियत कविताएँ (पृष्ठ 109)
    • रचनाकार : सर्गेई येसेनिन
    • प्रकाशन : नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
    • संस्करण : 1975
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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