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उमाशंकर भाई से

umashankar bhai se

अनुवाद : रघुवीर चौधरी

रमेश पारेल

रमेश पारेल

उमाशंकर भाई से

रमेश पारेल

सारी व्यंजनाएँ खड़ी होंगी नतमस्तक

आपकी शैया के पास,

शून्य नज़र से आपको देखती;

हे वैखरी वाणी की आँख के मोती!

आपने विश्व को लघुतम किया

हस्तगत करने को,

झीनी-झीनी आँखों से, ह्दय से...

कहाँ जा रहा आपका रथ सड़ासड़?

ये पहुँचे आपके हाथ क्षितिज के उस पार

सूखी साबरमती में आकाश गंगा को मोड़ने?

मेरी रंक भाषा के टोडे पर

टँगें पाँच-सात सूर्य,

आपने जड़े पाँच-सात चंद्र।

शब्द को आकाश का

और आकाश को आँख का दरजा

देने का यत्न किया,

जूझे अँजूरी भर देह से,

उसकी थकान बिछाले में ही रही और आप...

कहाँ जा रहा आपका रथ सड़ासड़?

सॉरी, हम अपने मस्टरों में ज़्यादा से ज़्यादा

‘कैज़ुअल लीव’ लिख देंगे,

लौट आना पड़ेगा तुरंत।

हमारी बात कहिएगा

राह में मिलते देवों से—

सारा मानव-कुल भोला है,

क्षमापात्र है,

अपने कुर्ते की कोर चबा खाए ऐसा,

और अपने आँसू से पवित्र,

थोड़ा-सा अनपढ़ परंतु प्यारा सा...

लौट आएँगे तब क्या-क्या लाएँगे

इस मानव-कुल के ख़ातिर?

यहाँ से जो ले गए आप स्वप्न-मंजूषा!

रहावन में खड़े हम हर शाम

आपकी बाट देखेंगे, और हाँ,

आप पहुंचें तब तक

हम विश्व को अधिक सुंदर कर लेंगे, कवि...

(20 दिसंबर 1988, कवि उमाशंकर के देहावसान का समाचार पढ़कर)

स्रोत :
  • पुस्तक : भारतीय कविताएँ 1987-88 (पृष्ठ 65)
  • संपादक : र. श. केलकर
  • रचनाकार : रमेश पारेख
  • प्रकाशन : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
  • संस्करण : 1992
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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