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गँवारों का बपतिस्मा

ganvaron ka baptisma

येव्गेनी विनोकुरोव

येव्गेनी विनोकुरोव

गँवारों का बपतिस्मा

येव्गेनी विनोकुरोव

और अधिकयेव्गेनी विनोकुरोव

    बपतिस्मा था

    कहीं गँवारों का

    बीच नदी के

    उनको गया उतारा

    कंधे तक डूबे

    तब वे समझे

    अंत निकट है...

    सिर से ऊपर उनकी तलवारें चमकीं

    इसलिए दर्शकों की दृष्टि में

    बपतिस्मा

    नहीं मुट्ठियों का हो पाया

    कितना ही हो सौम्य भला

    आदेश धर्म का

    भलमनसाहत की भी होती

    कोई सीमा

    ध्यान मुझे अपनी मुट्ठी का

    रखना होगा

    बन जाऊँ मैं सभ्य

    किंतु बल इसमें भरना होगा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : एक सौ एक सोवियत कविताएँ (पृष्ठ 258)
    • रचनाकार : येव्गेनी विनोकुरोव
    • प्रकाशन : नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
    • संस्करण : 1975
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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