Font by Mehr Nastaliq Web

फ़िलहाल यह आसपास

filaha ye asapas

विनय दुबे

विनय दुबे

फ़िलहाल यह आसपास

विनय दुबे

और अधिकविनय दुबे

    हालाँकि पेड़ों की रक्ताभ पत्तियों

    से गुज़रकर प्रातःकाल मंगलमय

    होते हुए लोग हथेलियों में लिए

    रहते हैं दिन भर के मनोरथ कि

    दिख जाती हैं स्कूल जाती लड़कियाँ

    लहलहा उठते हैं दिक्-दिगंत जहाँ

    हम लौट रहे होते हैं कि किस क़दर

    ख़ूबसूरत होता है यह सब कुछ

    यह आस-पास जहाँ लड़कियाँ हैं तो

    ख़ूबसूरत हैं और स्कूल जा रही हैं

    एक बार ऐसा हुआ कि पृथ्वी के

    स्वर्ग होने का पता बिहारीलाल घायल

    को बहुत बाद में लगा और वह बरसों

    पछताता रहा कि क्यों वह लिखता रहा

    कविताएँ ऐसे समय में जबकि

    पृथ्वी स्वर्ग भी थी और ख़ूबसूरत भी

    लड़कियाँ स्वर्ग बुनती हैं एक पहाड़ की

    ऊँची से ऊँची चोटी से लेकर जेठामल

    सिंधी कपड़ों के थोक व्यापारी बैरागढ़

    की दूकान तक पंछियों की उड़ानों में

    उड़ता है शहर और गूँजती रहती हैं

    लड़कियाँ और कविताएँ झरती रहती हैं

    गाँव में पहली बारिश में भीगती है नीम

    और नीम के नीचे खड़ी लड़कियाँ

    मिट्टी की गंध उठती है आस-पास

    दिल्ली या भोपाल के कवि को बेचैन

    बनाती हुई डामर की सड़क पर एकाकी

    यों तो प्रिंसिपल के लिए कविता

    या नदी की कलकल या पंछियों का

    कलरव या मधुमालती की बंध या

    चींटियों के मुँह में दबे शकर के दाने

    या बड़े तालाब के किनारे फैली दूब

    रामचरण सोनी मास्साब के मुताबिक़

    वह है जिसका कि विरोध सुरेश कुमार शर्मा

    ग्यारहवीं ने एक बार किया था और

    लगभग एक हफ़्ते तक यह ख़बर आम की बौरों

    की बंध की तरह पूरे गाँव में शाम के वक़्त

    घर लौटती गायों की टापरों में बजती रही थी

    फ़िलहाल यह आसपास स्वर्ग है

    जहाँ लड़कियाँ हैं और लड़कियाँ

    स्कूल जा रही हैं और घूम-फिर रही हैं

    स्रोत :
    • पुस्तक : फ़िलहाल यह आसपास (पृष्ठ 48)
    • रचनाकार : विनय दुबे
    • प्रकाशन : मेधा बुक्स
    • संस्करण : 2004

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए