तन इतने कम में क्यों बिक रहा है
तन का भाव इसलिए गिर गया कि
तन में रहता है एक संवेदनशील मन
चलो थोड़ी देर तन से मन को
निकालकर अलग रखते हैं
संभव है मेरा कुछ भाव बढ़ जाए
अपना बाज़ार-भाव बढ़ाने के लिए ज़रूरी है
कि गहरी क्रूरता, कुछ चालाकी,
अनेक प्रकार के दुहरेपन से
अपने को लैस किया जाए
फिर हो सकता है कि
मेरा भाव कुछ ज़्यादा चढ़ जाए
अगर फिर भी न बढ़े भाव तो हँसते-हँसते
दूसरों को मारते जाने की कला में होना पड़ेगा पारंगत
मैं बैठा हूँ, बिक्री के लिए बीच बाज़ार में
एनाउंसमेंट, पैकेजिंग, सुरक्षा-जाँच
लिफ़्ट की सीढ़ियाँ और मास्टर कार्ड
फिर भी कोई मेरी ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है
एक दिन बीता, दो दिन बीता
बीत गए कई दिन
तभी एक दिन प्रेमी-प्रेमिका का
एक जोड़ा आया
प्रेमी ने कहा सिंहलद्वीप की राजकुमारी
जैसे कई लोग हवाई जहाज़ में करते हैं शादी
जैसे एक पूँजीपति अपनी पत्नी को उसके बर्थ डे
पर स्वीमिंग पूल से लैस
सतहत्तर ताले का भवन देता है
वैसे ही मैं इस कवि को ख़रीद
तुम्हें गिफ़्ट देता हूँ
अपने हनीमून के दिन तुम इससे सलाद कटवाना
प्रेमिका ने कहा नहीं मेरे प्राण
मेरा पहला प्रेमी कवि था
इसलिए इससे इतना छोटा काम करवाना
मुझे अच्छा नहीं लगेगा
इतना बड़ा है बिग बाज़ार
चलो, कुछ और देखते हैं
तो लोगो, वह कवि उस दिन भी
बिकने से रह गया।
- पुस्तक : खुदाई में हिंसा (पृष्ठ 146)
- रचनाकार : बद्री नारायण
- प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
- संस्करण : 2010
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