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दृष्टि का अंतर

drishti ka antar

मदन गोपाल लढ़ा

मदन गोपाल लढ़ा

दृष्टि का अंतर

मदन गोपाल लढ़ा

और अधिकमदन गोपाल लढ़ा

    एक छोटे बच्चे की

    आँखों में होता है / एक जीवित सपना।

    सपने में / एक हरियल वृक्ष,

    उस पर चीं-चीं करती

    रंग-बिरंगी चिड़िया

    मीठे गीत गाती कोयल

    नाचता-बोलता मोर।

    तुम्हारी चतुर आँखों में भी

    अभी हरा है एक सपना

    जिसमें तुम जाँचते हो

    लकड़ी के महँगे भाव के मुताबिक़

    वृक्ष का वाणिज्य / और तुम्हारे हाथों में

    नाचने लगती है / एक कुल्हाड़ी

    मुझे दिखाई देता है प्रत्यक्ष

    बच्चे के सपने और / तुम्हारी कुल्हाड़ी में

    युगों पुराना बैर।

    वृक्ष की डालियों के बहाने / तुम काटते हो

    बच्चे के जीवित सपने!

    स्रोत :
    • पुस्तक : आधुनिक भारतीय कविता संचयन राजस्थानी (1950-2010) (पृष्ठ 149)
    • रचनाकार : मदन गोपाल लढ़ा
    • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
    • संस्करण : 2012
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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