Font by Mehr Nastaliq Web

दीमकों की जगह

dimkon ki jagah

स्वप्निल श्रीवास्तव

स्वप्निल श्रीवास्तव

दीमकों की जगह

स्वप्निल श्रीवास्तव

और अधिकस्वप्निल श्रीवास्तव

    दीमकों की अपनी जगह है

    वे पेड़ों के तनों में अपना आशियाना खोज लेती हैं

    वे जड़ों में तब तक रहती हैं

    जब तक पेड़ धराशायी हो जाएँ

    वे जड़ों के भीतर बनाती हैं खोखल

    गाती रहती हैं मृत्यु-राग

    रात में वे ज्यादा सक्रिय रहती हैं

    उन्हें रात की ख़ामोशी पसंद है

    उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं होता

    दीमकों की दूसरी मनपसंद जगह पुस्तकालय है

    वे निविड़ रातों में पुस्तकों को पढ़ती हैं

    पढ़ने के बाद पुस्तकों को चबाती हैं

    उनकी आवाज़ बहुत धीमी होती है

    पास की किसी पुस्तक को

    उनकी गतिविधियों का पता नहीं चलता

    पुस्तकालयों में कम लोग आते हैं

    दिन के समय छाई रहती है वीरानगी

    इसलिए बेख़ौफ़ होकर दीमकें अपने मोर्चे पर डटी रहती हैं

    कुछ दिनों बाद पुस्तकालय क़ब्रगाह में बदल जाता है

    एक छोटी-सी जीव दीमक

    हमारी सभ्यता को विनष्ट करती रहती है

    क्या अंत में जंगलों और पुस्तकालयों की जगह

    दीमकें ही बची रहेंगी?

    स्रोत :
    • रचनाकार : स्वप्निल श्रीवास्तव
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए