रात हाथ में रोटी पकड़े बेंच पर सो गया था बचपन
raat hath mein roti pakDe bench par so gaya tha bachpan
मृगतृष्णा
Mrigtrishna
रात हाथ में रोटी पकड़े बेंच पर सो गया था बचपन
raat hath mein roti pakDe bench par so gaya tha bachpan
Mrigtrishna
मृगतृष्णा
और अधिकमृगतृष्णा
ख़बर है कि जन्नत में बर्फ़बारी शुरू हो गई है
बस कुछ मिनट पहले
आँकड़े कहते हैं कि बढ़ गई है पर्यटकों की आमद
अचानक
सरकारें कहती हैं कि लोकतंत्र मज़बूत हुआ है
और
सच यह है कि कुछ भी नहीं होता
अचानक।
- रचनाकार : मृगतृष्णा
- प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका
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